जयपुर: सुन्नी दावत इस्लामी की और से समाज सुधार का अभियान चलाया हुआ है। जिसके अंतर्गत उलेमा अपनी तकरीरों के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों के खिलाफ लोगों में जागरूकता पैदा कर रहे है। इसी कड़ी में शनिवार की रात को बाद नमाज ए ईशा सुन्नी दावत इस्लामी के द्वारा मोहल्ला बिल्लोचियान में एक अजीमुश्शान इस्लाहे मुआशरा कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमे सुन्नी दावते इस्लामी के निगरां अल्लामा मौलाना सय्यद मुहम्मद कादरी साहब ने मुसलमानों में टूटते रिश्तों को लेकर चिंता जताई।
उन्होने अपनी तकरीर में कहा कि आज मुसलमानों में सबसे बड़ी समस्या रिश्तों में बिगाड़ है। नए शादीशुदा जोड़ों में भी तलाक के मामले में सामने आ रहे है। छोटी-छोटी बातों और छोटे-छोटे मनमुटाव पर बात तलाक तक पहुंच जाती है। और मामले थाना-कचहरी तक पहुंच रहे है। उन्होने कहा कि समाज में इस बिगाड़ का सबसे बड़ा कारण दीन से दूरी है। उन्होने ये भी कहा कि शौहर-बीवी का रिश्ता प्यार और मुहब्बत का रिश्ता है। जो आपसी यकीन पर ही कायम रह सकता है। यदि कोई मनमुटाव भी है तो उसे आपसी बातचीत और बड़ों की सुलह से दूर किया जा सकता है।
कादरी साहब ने कहा कि यदि कुरान और हदीस पर अमल की जाए तो ये नौबत ही पैदा न हो। उन्होने कहा कि इसका सबसे बेहतरीन तरीका है सब्र। दोनों शौहर-बीवी को सब्र से काम लेना चाहिए। शौहर को बीवी और बीवी को शौहर की गलतियों को नजरअंदाज भी करना चाहिए। उन्होने कहा कि हजरत मुहम्मद (सल्ल.) और हजरत खदीजा (रजि.) का रिश्ता रोल मॉडल है। वहीं हजरत अली (रजि.) और हजरत फातिमा (रजि.) के नक्शेकदम पर चलकर भी जिंदगी को गुलजार किया जा सकता है।
इस दौरान अब्दुल सत्तार साहब, अब्दुल कादिर साहब, सन्नोवर भाई, हाजी हसीन अहमद खान साहब, अली शेर भाई सहित मोहल्ले के नौजवान, बुजुर्ग आदि मौजूद रहे।