दिलशाद नूर
मुंबई, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)| ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर पारंपरिक रूप से खिलाफत समिति द्वारा अलहाज मुहम्मद सईद नूरी के नेतृत्व में एक जुलूस निकाला गया। शुरुआत में जुलूस की अनुमति नहीं होने पर बड़ी असुविधा हुई। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई की सबसे पुरानी समिति खिलाफत कमेटी को ईद मिलाद-उन-नबी का जुलूस निकालने की अनुमति दे दी।
इस दौरान प्रशासन ने सुरक्षा हालात को देखते हुए पुलिस बल तैनात भी तैनात किया। पूरे मुंबई शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने में मुसलमानों का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा। इस मौके पर जुलूस का नेतृत्व करने वाले अलहाज मुहम्मद सईद नूरी ने कहा कि आज पैगंबर ए इस्लाम का जन्म दिवस है। आपको पता होना चाहिए कि हुजूर के आने से पहले इस दुनिया में अनैतिकता का एक चक्र था। हर जगह अराजकता थी। ऐसे में हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) रहमत बनकर दुनिया में आए।
उन्होने कहा, हम आका के गुलाम हैं। हम शांतिप्रिय लोग हैं। हम उनके रास्ते पर चल रहे हैं। इस्लाम एक सार्वभौमिक शिक्षा का संदेश देता है। इस इस्लामी शिक्षा ने ही एक महान धर्म की नींव रखी। हमारा उद्देश्य जीवन में इन शिक्षाओं का प्रसार करना है।
वहीं खिलाफत समिति के अध्यक्ष सरफराज आरजू ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमारे लिए सबसे बड़ा दिन है। आज वह दिन है जब पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) इस दुनिया में आए। उन्होंने दुनिया को शांति का संदेश दिया है।
बता दें कि ईद मिलाद-उन-नबी का जुलूस खिलाफत हाउस से शुरू हुआ। जुलूस अपने रास्ते होते हुए झूला मैदान पहुंचा। इस दौरान जुलूस पर पुलिस ने कड़ी नजर रखी। जुलूस का समापन नमाज के साथ हुआ।
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