बरेली: मुस्लिम स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (एम.एस.ओ) अमेठी यूनिट के तत्वावधान में मंगलवार को खानकाह गुलजारिया किशनी, जगदीशपुर, अमेठी में “अमन का पैगाम इंसानियत के नाम” कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया । कॉन्फ्रेंस की सदारत मौलाना अबुल आस हसन, सज्जादा नशीन, खानकाह गुलजारिया, किशनी; संचालन, अबू अशरफ सईदी, अध्यक्ष, एमएसओ, यूपी ने किया।
कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए मौलाना आस ने मुसलमान शब्द का मतलब बताते हुए कहा कि मुसलमान का मतलब ही सलामती होता है और वह व्यक्ति कभी भी मुसलमान नहीं हो सकता जिससे किसी को भी नुकसान पहुंचे। उन्होंने दहशतगर्दी की भर्त्सना करते हुए विचार व्यक्त किए कि सच्चे मुसलमान को दहशतगर्दी की ओर उकसाने वाले लोगों से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है कि आज हम दहशतगर्दी के खिलाफ खुलकर सामने आएं और इसके खिलाफ एक मुहिम चलाकर ऐसे किसी भी प्रयास को सफल न होने दें।
मास्टर आरिफ ने सभी मुसलमानों विशेषकर सुन्नी भाइयों से अपने दिलो-दिमाग को साफ कर प्रेम व भाईचारा को अपने जीवन में अपनाकर नबी के आदर्शों पर चलने की बात कही।
अबू अशरफ सईदी ने समाज में बढ़ रही असहिष्णुता की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस्लाम समाज में सभी लोगों के साथ मिलजुल कर रहने की शिक्षा देता है इसलिए हमें आपस में सभी लोगों से भाईचारा कायम रखना है। आतंकवाद पर प्रहार करते हुए इसकी आलोचना की तथा समस्त मुसलमान भाइयों से ऐसे किसी भी प्रलोभन, भड़काऊ बयान या अफवाह से सावधान रहने का का आग्रह किया जो उन्हें कट्टरपंथी विचार धाराओं के प्रति आकर्षित करते हैं। साथ ही उन्होंने मल्टीमीडिया द्वारा प्रचारित अफवाहों से भी सजग रहने का आह्वान किया। अन्य वक्ताओं ने भी समाज में शांति, भाईचारा कायम रखने की बात कही।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से शोएब, ग्राम प्रधान किशनी; अबरार अहमद, पूर्व जिला पंचायत सदस्य; लल्लन, पूर्व प्रधान किशनी; मोहम्मद अब्दुल वफ़ा, मैनेजर, मदरसा गुलजारिया, किशनी आदि सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। कॉन्फ्रेंस में कोविड-19 प्रोटोकॉल के अन्तर्गत सोशल डिस्तांसिंग, मास्क और हैंड सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा गया।