गुजरात के पोरबंदर के अंजुमन-ए-इस्लामपुर में मंगलवार को “तहफ्फुज ए नामूस ए रिसालत” बोर्ड की पांचवीं बैठक हुई। इस दौरान मौलाना गुलजार बापू साहिब के संरक्षण में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों लोगों ने ने भाग लिया।
अल्लामा गुलजार बापू ने सभी मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि हमें खुशी है कि आज हमारे बीच, मुहाफ़िज़ ए तहफ्फुज ए नामूस ए रिसालत और रजा अकादमी के संस्थापक अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहिब, अपने सभी व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, हमसे मिलने आए। सम्मेलन में मौजूद उलेमा ए अहल-ए-सुन्नत ने तेज आवाज में उनका शुक्रिया कहा।
वहीं अल्लामा अब्दुल सत्तार हमदानी साहिब ने बैठक की अध्यक्षता की, जबकि अल्हाज मोहम्मद सईद नूरी ने परामर्श बैठक की अध्यक्षता की। आरिफ सोदिया ने मुंबई से आए मेहमानों का परिचय दिया। रजा अकादमी के प्रवक्ता मौलाना अब्दुल अब्बास रिजवी ने सलाहकार बैठक को संबोधित करते हुए रसूल नूरी मियां का उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
इस मौके पर अल्लामा हमदानी ने कहा कि मुसलमानों को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। सभी हुजूर की शान में गुस्ताखी करने वाले अपनी ही मौत मरेंगे। हाजी मोहम्मद यूसुफ नूरी ने कहा कि “तहफ्फुज ए नामूस ए रिसालत” बोर्ड की 41 सदस्यों से मिलकर शाखा बनाई गई। जिसका अध्यक्ष हाजी इब्राहिम सेंगर और संरक्षक अल्लामा अब्दुल सत्तार हमदानी को बनाया गया । सभी लोगों ने एकमत से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।
उन्होने बताया कि ये आंदोलन कुछ दिनों में भारत के सभी हिस्सों में फैल जाएगा। अब गुस्ताखों के लिए भारत में छिपने की कोई जगह नहीं होगी। देश के जागरूक नागरिक नफरत के खेल को अच्छी तरह से समझ चुके हैं हां, और अब हर तरफ से आवाजें आ रही हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी भी धर्म की निन्दा करना नहीं है जिसे कोई भी सभ्य समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता। क्योंकि इस्लाम शांति का धर्म है।
सम्मलेन में मौलाना वसीफ रजा, मौलाना मुस्तफा रजा, हाफिज इलियास, प्रो. अल्ताफ राठौर, पत्रकार आरिफ सूर्या, हाफिज अनस रजा गोंडल, फैज अहमद, बैठक में ओडेदरा, हमद रजा पंजानी, अहमद उमर सूर्या, मोहम्मद अमीन अली भाई बाबी, साजिद अमीन गिगानी, इमरान छोटानी उपस्थित थे। इसके अलावा पोरबंदर और आसपास के क्षेत्र के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।